व्हाट्सएप ने IT इंटरमीडियरी रूल्स 2021 के खिलाफ दिल्ली HC का रुख किया, जिसमे सूचना के पहले प्रवर्तक का पता लगाना अनिवार्य था

फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म ने कथित तौर पर तर्क दिया है कि यह प्रावधान असंवैधानिक है और लोगों के निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले द्वारा रेखांकित किया गया है।
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इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के अनुसार, मैसेजिंग एप्लिकेशन, व्हाट्सएप ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, ताकि सूचना के पहले प्रवर्तक की पहचान के लिए प्रावधान करने के लिए मध्यस्थ प्लेटफार्मों की आवश्यकता हो।

फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म ने कथित तौर पर तर्क दिया है कि यह प्रावधान असंवैधानिक है और लोगों के निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले द्वारा रेखांकित किया गया है।

व्हाट्सएप ने यह भी प्रस्तुत किया कि यह प्रावधान एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की अवधारणा के खिलाफ जाता है क्योंकि यह निजी कंपनियों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की आवश्यकता के लिए प्रतिदिन अरबों संदेशों के लिए कौन-क्या-क्या और किसने-क्या डेटा एकत्र करने और संग्रहीत करने के लिए मजबूर करेगा।

इस प्रकार इसने प्रावधान को असंवैधानिक घोषित करने की प्रार्थना की। इस प्रावधान को लागू होने से रोकने के साथ ही गैर-अनुपालन के लिए अपने कर्मचारियों को आपराधिक दायित्व को रोकने के लिए भी निर्देश मांगा गया था।

मध्यवर्ती संस्थाएँ के लिए 2021 के नए नियमों का पालन करने की आखिरी तारीख 25 मई थी।

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WhatsApp moves Delhi High Court against IT Intermediary Rules 2021 mandating it to trace first originator of information

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