हम एनडीपीएस मामलों में जमानत दे सकते हैं जहां गांजा और चरस शामिल हैं, लेकिन हेरोइन के लिए नहीं: सुप्रीम कोर्ट

एनडीपीएस मामले के एक आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि हेरोइन सब कुछ खत्म कर देती है और युवा पीढ़ी को पूरी तरह से खत्म कर देती है।
Supreme Court, Jail
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि वह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) के तहत गांजा या चरस से संबंधित मामलों में जमानत दे सकता है, लेकिन हेरोइन से संबंधित मामलों में ऐसा नहीं कर सकता।

जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की पीठ ने कहा,

"आपको यह समझना चाहिए कि चरस और गांजा से जुड़े मामलों में हमने हमेशा जमानत मांगने पर अपनी सहनशीलता दिखाई है, लेकिन हेरोइन के मामले में हमें सख्त होना होगा।"

Justice CT Ravikumar and Justice Sanjay Karol
Justice CT Ravikumar and Justice Sanjay Karol

न्यायालय 500 ग्राम हेरोइन ले जाने के आरोप में 61 वर्षीय महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पहले आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसने पाया था कि वह उसी कार में यात्रा कर रही थी, जिसमें उक्त प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किया गया था।

आज जब मामले को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाया गया, तो आरोपी के वकील ने महिला की उम्र के आधार पर जमानत मांगी, और तर्क दिया कि उसके पास से कुछ भी नहीं मिला।

न्यायमूर्ति रविकुमार ने वकील को याद दिलाया कि महिला के पास 500 ग्राम हेरोइन बरामद होने का आरोप है।

न्यायमूर्ति करोल ने कहा,

"हेरोइन सब कुछ खत्म कर देती है। यह युवा पीढ़ी को पूरी तरह से खत्म कर देती है। हम अभी हस्तक्षेप नहीं कर सकते।"

अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रेय कपूर पेश हुए

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We may grant bail in NDPS cases where ganja and charas is involved, but not for heroin: Supreme Court

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