सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें भारत के चुनाव आयोग को बिहार के मुंगेर संसदीय क्षेत्र में चल रहे लोकसभा चुनाव में पुनर्मतदान कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी। [कुमारी अनीता बनाम भारत का चुनाव आयोग]
याचिकाकर्ता ने बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया और यह भी दावा किया कि वंचित जातियों के लोगों को वोट डालने से रोकने की घटनाएं हुई हैं।
हालांकि, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और प्रसन्ना बी वराले की अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा पहले पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा न खटखटाने पर आपत्ति जताई।
न्यायालय ने कहा, "उच्च न्यायालय में जाए बिना, आप उच्च न्यायालय को दोषी ठहरा रहे हैं। कृपया उच्च न्यायालय जाएं। हम इसे खारिज कर देंगे, अन्यथा आप उच्च न्यायालय जाएं। यह तरीका नहीं है।"
इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का विकल्प चुना।
न्यायालय ने कहा, "वर्तमान याचिका वापस लिए जाने के कारण खारिज की जाती है।"
याचिका में बिहार के मुंगेर संसदीय क्षेत्र के कई बूथों पर पुनर्मतदान की मांग की गई है।
यह मांग राज्य के अधिकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर कथित चुनाव में गड़बड़ी और बूथ कैप्चरिंग के कारण की गई थी।
याचिकाकर्ता ने मुंगेर के जिला चुनाव अधिकारी डॉ. अवनीश कुमार सिंह को सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से हटाने के निर्देश देने की मांग की, क्योंकि निचली जातियों को कथित तौर पर मतदान करने से रोका गया था।
याचिका अधिवक्ता अल्जो के जोसेफ के माध्यम से दायर की गई थी।
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Lok Sabha Elections: Supreme Court refuses to entertain plea for re-polling in Bihar's Munger