न्यायपालिका में काम का माहौल खराब होने के विरोध में मध्यप्रदेश के वकील हड़ताल पर

एमपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने बार एंड बेंच को बताया कि निचली न्यायपालिका की स्थिति के विरोध में पूरे राज्य में अधिवक्ता काम से दूर रहने के लिए तैयार हैं।
Madhya Pradesh High Court ( Jabalpur bench )

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मध्य प्रदेश के वकील सोमवार, 20 दिसंबर को हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं, जिस तरह से जिला न्यायाधीशों ने वकीलों को असुविधा और अत्यधिक काम के दबाव के कारण मामलों को निपटाया है।

हड़ताल का सहारा लेने का फैसला मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल की वर्चुअल बैठक में लिया गया।

अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने बार एंड बेंच को बताया कि पूरे राज्य में अधिवक्ता निचली न्यायपालिका की स्थिति के विरोध में काम से दूर रहने के लिए तैयार हैं।

बैठक में निर्णय के बारे में बोलते हुए वर्मा ने कहा कि 18 में से 17 उपस्थित हड़ताल के पक्ष में थे। उन्होंने संकेत दिया कि मौजूदा कार्य संस्कृति के तहत निचली न्यायपालिका के समक्ष पेश होने वाले वकील अत्यधिक दबाव के माहौल में काम कर रहे हैं।

वर्मा ने कहा कि परिषद वकीलों को हड़ताल के कारणों से अवगत कराएगी और उन्हें भाग लेने के लिए कहेगी।

उन्होने कहा, "हम मुख्य न्यायाधीश (मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के) को निचली न्यायपालिका के न्यायाधीशों से बात करने के लिए कहेंगे। आज उनसे मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही निर्देश दे दिए हैं कि जहां मामलों का निपटारा किया जाना चाहिए, वहीं इस संबंध में विभिन्न अदालतों में कई मामलों वाले एक वकील को समायोजित किया जाना चाहिए।"

वर्मा ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के इस निर्देश का गलत अर्थ निकाला गया कि मामलों की सुनवाई और भी तेज और दिन-प्रतिदिन की जानी चाहिए।

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Madhya Pradesh lawyers to go on strike in protest against lower judiciary work environment

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