मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के सभी जिला न्यायालयों में हाइब्रिड सुनवाई अनिवार्य की

उच्च न्यायालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि राज्य की सभी जिला अदालतों को सोमवार, 5 फरवरी से शुरू होने वाले सभी मामलों की सुनवाई के लिए एक हाइब्रिड सिस्टम शुरू करना चाहिए।
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मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की सभी जिला अदालतों को सोमवार, 5 फरवरी से उनके समक्ष मामलों की हाइब्रिड सुनवाई अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया है।

इसका अर्थ यह है कि वादी और वकील अपनी सुविधा के आधार पर या तो वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से या न्यायालय की कार्यवाही के लिए प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित हो सकते हैं।

अधिसूचना में लिखा है, "बार के सदस्यों और व्यक्तिगत रूप से पक्षकार के रूप में उपस्थित होने वाले वादियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने मामलों की हाइब्रिड सुनवाई की सुविधा का यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग करें। बार के सदस्यों से भी अनुरोध किया जाता है कि वे सभी न्यायक्षेत्रों में इस सुविधा का उपयोग करें। इस संबंध में सभी संबंधितों से उपरोक्त व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सहयोग का अनुरोध किया जाता है।“

मद्रास उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल एम जोथिरामन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अनिवार्य हाइब्रिड सुनवाई पर इस तरह के निर्देश मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला की मंजूरी के बाद अदालत द्वारा जारी किए गए हैं।

यह सभी वकीलों और पक्षों से वर्चुअल सुनवाई विकल्प का उपयोग करने का भी आग्रह करता है।

[अधिसूचना पढ़ें]

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Madras High Court makes hybrid hearings mandatory in all District Courts across Tamil Nadu

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