
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में हाल ही में हुई भगदड़ के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें देश भर के तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा उपाय और दिशानिर्देश लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
29 जनवरी की सुबह महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में सभी राज्यों को प्रयागराज में अपने सुविधा केंद्रों को तीर्थयात्रियों को सुरक्षा उपायों और दिशा-निर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में घोषणाओं, दिशा दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड, सड़कें आदि को अन्य भाषाओं में रखने की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है ताकि दूसरे राज्यों के लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें आसानी से मदद मिल सके।
याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की है कि "उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से सभी राज्य सरकारें प्रयागराज महाकुंभ में डॉक्टरों और नर्सों की अपनी छोटी मेडिकल टीम भी तैनात करें ताकि मेडिकल इमरजेंसी के समय मेडिकल स्टाफ की कमी न हो।"
याचिकाकर्ता ने अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ उनकी लापरवाही के लिए कार्रवाई की भी मांग की है, जिसके कारण भगदड़ मची।
इसमें प्रार्थना की गई है कि, "उत्तर प्रदेश राज्य को 29 जनवरी 2025 को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए तथा लापरवाह आचरण के लिए संबंधित व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया जाए।"
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Maha Kumbh stampede: PIL before Supreme Court for safety measures, action against UP officials