तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को विदेशी मुद्रा रखरखाव अधिनियम, 1999 (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ जांच के संबंध में संवेदनशील और असत्यापित जानकारी मीडिया को लीक करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
मोइत्रा ने 19 मीडिया घरानों को अपने मामले में पक्षकार बनाया है और इन कार्यवाहियों के संबंध में उनके खिलाफ किसी भी "असत्यापित, अपुष्ट, झूठी, अपमानजनक सामग्री" को प्रकाशित और प्रसारित करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी समाचार रिपोर्टिंग और प्रकाशन ईडी द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्तियों के अनुरूप हों।
मोइत्रा की रिट याचिका पर न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद गुरुवार को सुनवाई कर सकते हैं।
तृणमूल कांग्रेस नेता की याचिका के अनुसार, ईडी ने मीडिया में विवरण लीक कर दिया कि उन्हें समन मिलने से पहले ही तलब किया गया था।
उन्होंने कहा कि ईडी ने उनके खिलाफ लगे आरोपों का ब्योरा भी लीक किया और यह तथ्य भी लीक किया कि उन्होंने एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए और समय मांगा था।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ईडी ने जांच से समझौता करने वाली ''गोपनीय, आधी-अधूरी, काल्पनिक/अपुष्ट जानकारी'' मीडिया को लीक करके कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया के खिलाफ काम किया है।
खबरों के मुताबिक, ईडी ने पिछले हफ्ते मोइत्रा को समन जारी किया था और उन्हें 19 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था।
खबर में कहा गया था कि उन्हें कुछ विदेशी निवेशों से संबंधित कुछ दस्तावेजों के साथ दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया था।
खबरों में दावा किया गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी लोकपाल की सलाह पर जयललिता के खिलाफ लगे आरोपों की प्रारंभिक जांच कर रही है।
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