[मोटर दुर्घटना के मामले] गुणक का निर्धारण पूरी उम्र के आधार पर किया जाना चाहिए न कि रनिंग उम्र के आधार पर: केरल उच्च न्यायालय

कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि मोटर दुर्घटनाओं के दावों में लापरवाही से संबंधित मामलों में यदि विश्वसनीय सबूत हैं जो प्राथमिकी का खंडन करते हैं, तो एमएसीटी प्राथमिकी की अवहेलना कर सकता है।
Kerala High Court

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केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि मोटर दुर्घटना दावा मामलों में मुआवजे की गणना करते समय लागू होने वाले गुणक का निर्णय मृतक/घायल द्वारा प्राप्त उम्र के आधार पर किया जाना है न कि चलने की उम्र के आधार पर। [पीओ मीरा और अन्य बनाम आनंद पी नाइक और अन्य]

इस प्रकार, न्यायालय ने फैसला सुनाया कि जब एक मोटर दुर्घटना में 50 वर्ष और 7 महीने की आयु के व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो लागू किया जाने वाला गुणक 46-50 के आयु वर्ग पर लागू होता है जैसा कि सरला वर्मा और अन्य बनाम दिल्ली परिवहन निगम मे निर्धारित है।

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[Motor accident cases] Multiplier has to be determined based on completed age, not running age: Kerala High Court

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