पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बांदा की एक अदालत ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) को पूर्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक मुख्तार अंसारी की मौत की जांच करने और एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
अंसारी का कल रात उत्तर प्रदेश में बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
यह दावा किया जाता है कि बांदा की जिला जेल में चेतना खोने के बाद उन्हें लगभग 8:45 बजे अस्पताल ले जाया गया, जहां वह विभिन्न आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद बंद थे।
इस साल 13 मार्च को वाराणसी की एक विशेष अदालत ने अंसारी को फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी ।
उन्हें कई अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया था, जिनमें एक अपहरण का मामला, उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के तहत 1999 का एक मामला, अवधेश राय (एक कांग्रेस नेता का भाई) की 1991 में हुई हत्या और 2003 में एक जेलर को पिस्तौल तानकर धमकाने का मामला शामिल है।
अंसारी ने 21 मार्च को कथित रूप से मउ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि बांदा में जेल अधिकारियों द्वारा उसे जहर दिया जा रहा है।
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Mukhtar Ansari death: UP court directs additional chief judicial magistrate to conduct probe