सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) स्नातक (यूजी) परीक्षा 2024 में कथित पेपर लीक और अनियमितताओं को लेकर मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश के लिए काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। [शिवांगी मिश्रा बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी और अन्य]
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने मई में आयोजित परीक्षा को रद्द करने और पेपर लीक की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं में से एक पर नोटिस जारी किया।
न्यायालय ने मामले को 8 जुलाई को विचार के लिए सूचीबद्ध किया और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा।
न्यायालय ने टिप्पणी की, "हम काउंसलिंग नहीं रोकेंगे। यदि आप आगे बहस करते हैं, तो हम इसे खारिज कर देंगे।"
न्यायालय इस वर्ष कथित पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं को लेकर NEET-UG 2024 को रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
इसी तरह की याचिकाएँ दिल्ली और कलकत्ता उच्च न्यायालय सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में से एक में विशेष रूप से उन आरोपों का उल्लेख किया गया है कि पटना में पेपर लीक हुआ था और राजस्थान में उम्मीदवारों को गलत प्रश्नपत्र दिए गए थे।
मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि 04 जून को प्रकाशित परिणामों के अनुसार असाधारण रूप से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को पूर्ण अंक मिले हैं।
उम्मीदवारों ने समय की हानि के लिए छात्रों को प्रतिपूरक अंक देने में अनियमितता का आरोप लगाया है।
17 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने NEET-UG 2024 के परिणामों के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, इसने याचिका पर नोटिस जारी किया था।
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