भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को दोहराया कि उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट के सामने आने वाला हर मामला अदालत के लिए महत्वपूर्ण है और न्यायाधीश मामलों में अंतर नहीं करते हैं।
CJI ने रेखांकित किया कि लोग अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अदालतों में अपना विश्वास जताते हैं।
सीजेआई ने कहा, "कोई भी मामला अदालतों के लिए काफी बड़ा या छोटा नहीं होता है, चाहे वह जिला न्यायपालिका हो या हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट। क्योंकि यह हम पर है कि लोगों का विश्वास और कानून की उचित प्रक्रिया और स्वतंत्रता की सुरक्षा टिकी हुई है।"
सीजेआई मुंबई में बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित अशोक देसाई स्मृति व्याख्यान दे रहे थे।
CJI ने आज अपने भाषण में कहा, "हमें कल उस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। हमने जो बिंदु बनाया है, वह धर्मोपदेश के अलावा, हमें इस देश के नागरिकों की स्वतंत्रता के संरक्षक होने का विश्वास दिलाता है।"
गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा था कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय जैसी संवैधानिक अदालत को जमानत याचिकाओं और तुच्छ जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए।
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