भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) अधिकारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर सोशल मीडिया पोस्ट हटाने के निर्देश देने की मांग की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले प्रयास में ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर ली।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने तत्काल सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति नवीन चावला के समक्ष याचिका प्रस्तुत की।
न्यायमूर्ति चावला ने आज मामले की तत्काल सुनवाई की अनुमति दे दी।
बिड़ला ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे मानहानिकारक और झूठे हैं।
यह मामला अधिवक्ता संयम खेत्रपाल और आदित्य मनुबरवाला के माध्यम से दायर किया गया है।
दावा है कि अंजलि बिड़ला अपने पिता की "शक्तिशाली स्थिति" के कारण आईएएस अधिकारी बनीं, ओम बिड़ला के लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुने जाने और NEET UG पेपर लीक विवाद के शुरू होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
कई सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया कि अंजलि बिड़ला पेशे से एक मॉडल हैं और अपने पिता की "शक्तिशाली स्थिति" के कारण ही उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली।
हालांकि, अंजलि बिड़ला ने इन दावों को खारिज कर दिया है और कहा है कि ये सोशल मीडिया हैंडल "एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत संचालित किए जा रहे हैं" और उन्हें और उनके पिता को बदनाम करने के उद्देश्य से संचालित किए जा रहे हैं।
बिड़ला ने अपने मुकदमे में एक्स (ट्विटर), गूगल और जॉन डो (अज्ञात लोग) को पक्ष बनाया है और उन पोस्ट को हटाने की मांग की है।
उन्होंने 16 एक्स अकाउंट का विवरण दिया है जिनके खिलाफ राहत मांगी गई है। इसमें यूट्यूबर ध्रुव राठी का पैरोडी अकाउंट भी शामिल है।
सोशल मीडिया पोस्ट में किए गए दावों के विपरीत, बिड़ला आईएएस नहीं बल्कि आईआरपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2019 में यूपीएससी परीक्षा दी और अप्रैल 2021 में आयोग में शामिल हुईं। पिछले साल उन्होंने अपना अनिवार्य प्रशिक्षण पूरा किया।
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