सिर्फ न्यायपालिका ही कर सकती है संवैधानिक मूल्यों की रक्षा: गौहाटी हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस आरएम छाया हुए रिटायर

निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हमारा संविधान एक स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है ताकि न्यायाधीश कानून को छोड़कर हर हस्तक्षेप से मुक्त रह सकें।"
Justice RM Chhaya
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गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएम छाया ने बुधवार को कहा कि केवल एक 'मजबूत न्यायपालिका' ही संवैधानिक मूल्यों की रक्षा कर सकती है और भारत को हर इंसान के रहने के लिए 'सर्वश्रेष्ठ स्थान' बना सकती है।

गौहाटी में छह महीने और उन्नीस दिनों के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश छाया ने कहा कि यह केवल न्यायपालिका है जो संवैधानिक नैतिकता के लिए मजबूती से खड़ी हो सकती है।

उन्होंने अपने विदाई भाषण में देखा, "न्यायपालिका के प्रति करोड़ों भारतीयों के मन में गहरी आस्था है। केवल न्यायपालिका, न्याय की वाहक होने के नाते, हमारे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा कर सकती है और भारत को हर इंसान के लिए सबसे अच्छा स्थान बनाने का सबसे प्रभावी साधन हो सकती है।"

मुख्य न्यायाधीश छाया ने आगे संवैधानिक नैतिकता की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो न्याय प्रदान करने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

उन्होंने रेखांकित किया, "यही मानक हैं जो समाज को सभ्य बनाते हैं। अधिक सभ्य राष्ट्र बनाने के लिए न्यायपालिका को मजबूत करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। हमारा संविधान एक स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है ताकि न्यायाधीश कानून को छोड़कर हर हस्तक्षेप से मुक्त रह सकें।"

विदाई भाषण में मुख्य न्यायाधीश छाया ने भी स्वीकार किया कि कानूनी व्यवस्था केवल बार और बेंच और समर्पित कर्मचारियों के सहयोग से ही काम कर सकती है।

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Only Judiciary can protect Constitutional values: Chief Justice RM Chhaya of Gauhati High Court retires

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