इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवध बार एसोसिएशन ने शनिवार को राज्य उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा के स्थानांतरण की मांग की है, जिन पर अदालत कक्ष में एसोसिएशन के अधिवक्ता सदस्यों के साथ कथित दुर्व्यवहार करने का आरोप है।
मुख्य न्यायाधीश (सीजे) अरुण भंसाली को लिखे पत्र में एसोसिएशन के महासचिव एडवोकेट मनोज कुमार द्विवेदी ने एसोसिएशन के अधिवक्ता सदस्यों के साथ उनके मौखिक अमानवीय व्यवहार के संबंध में उनके खिलाफ प्राप्त कई शिकायतों का समाधान करते हुए जस्टिस चंद्रा के तबादले का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि एसोसिएशन ने अपने पत्र में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रा और बार एसोसिएशन के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता एससी (सतीश चंद्रा) मिश्रा के बीच हुई हालिया तकरार को संबोधित किया है।
पत्र में कहा गया है कि शुक्रवार की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रा ने एससी मिश्रा के खिलाफ अदालत की अवमानना की आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का आदेश जारी किया।
28 सितंबर को लिखे पत्र में कहा गया है, "सुनवाई के दौरान माननीय जस्टिस संगीता चंद्रा ने अपने पद की गरिमा के खिलाफ जाकर वरिष्ठ अधिवक्ता एससी मिश्रा के खिलाफ अदालत की अवमानना की आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का आदेश जारी किया।"
पत्र में आगे कहा गया है कि सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने भी न्यायमूर्ति चंद्रा से मिश्रा के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से पीछे हटने का अनुरोध किया। लेकिन न्यायमूर्ति चंद्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता माथुर के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
न्यायमूर्ति चंद्रा और न्यायमूर्ति बृज राज सिंह की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उक्त विवाद उत्पन्न हुआ।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मिश्रा के इस कदाचार पर आपत्ति जताई कि उनके आग्रह पर उनके पक्ष में अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करने के बाद उन्होंने पीठ पर चिल्लाया था।
पीठ ने मिश्रा के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए मामले को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया था।
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Oudh Bar Association seeks transfer of High Court judge over mistreatment of advocates