![[From L to R] Justice Sanjay Kishan Kaul and Justice MM Sundresh](http://media.assettype.com/barandbench-hindi%2F2022-03%2Ff7365907-cd24-4ce1-b727-36efdc99da93%2Fbarandbench_2021_09_4b47fabf_7788_4568_8ab8_b6178bd56f51_WhatsApp_Image_2021_09_04_at_10_22_37_AM.avif?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
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[From L to R] Justice Sanjay Kishan Kaul and Justice MM Sundresh
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह मीडिया रिपोर्टों से प्रभावित नहीं है और ऐसी रिपोर्टों से अप्रभावित मामलों का फैसला करेगा।
जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि कल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स थीं जिनमें महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि न्यायपालिका से निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा, "मीडिया रिपोर्ट हमें परेशान नहीं करती हैं। कल महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने बयान दिया था कि न्यायपालिका द्वारा उनकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती है और यह आज प्रेस में था और हमने इसे पढ़ा। लेकिन इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ा। हम इसे कूड़ेदान में डालते हैं जहां यह होता है।"
अदालत बॉम्बे हाईकोर्ट के 16 सितंबर के फैसले के खिलाफ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परम बीर सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सिंह द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई दो प्रारंभिक जांच को चुनौती दी गई थी। सिंह ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की भी मांग की है।
सिंह के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने अदालत को बताया कि मामले में सीबीआई द्वारा एक स्वतंत्र जांच आवश्यक है।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, "मान लीजिए कि हम सभी मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित कर देते हैं और यहां एक रिपोर्ट की मांग करते हैं। हम जोर से सोच रहे हैं। इस तरह बेहतर जवाबदेही हो सकती है।"
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