संसद सुरक्षा उल्लंघन: दिल्ली की अदालत ने आरोपी नीलम आज़ाद को जमानत देने से इनकार किया

नीलम आजाद को 13 दिसंबर को संसद के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने दलील दी थी कि उन्हें जमानत देना जांच के लिए नुकसानदेह होगा।
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दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को संसद सुरक्षा भंग मामले की आरोपी नीलम आजाद को जमानत देने से इनकार कर दिया।

पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी।

आजाद को दिल्ली पुलिस ने 13 दिसंबर, 2024 को तीन अन्य आरोपियों - सागर शर्मा, मनोरंजन डी और अमोल शिंदे के साथ गिरफ्तार किया था।

आजाद और शिंदे जब संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे तब शर्मा और मनोरंजन डी कनस्तरों से धुआं छोड़ते हुए दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में दाखिल हुए थे।

बाद में पुलिस ने साजिश के कथित मास्टरमाइंड ललित झा और एक अन्य सह आरोपी महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया।

आजाद की जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने दलील दी थी कि अपराध में उनकी संलिप्तता के लिए पर्याप्त सबूत हैं और उनकी रिहाई जांच के लिए नुकसानदेह होगी।

यह कहा गया था कि आरोपी प्रभावशाली लोग हैं और अपराध की प्रकृति और गंभीरता इस स्तर पर आजाद  को जमानत मांगने  से वंचित करती है।

इससे पहले उच्च न्यायालय ने आजाद की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है जिसमें दिल्ली पुलिस को उन्हें प्राथमिकी की प्रति देने का निर्देश दिया गया था।

नीलम आजाद की ओर से एडवोकेट सुरेश चौधरी पेश हुए।

दिल्ली पुलिस की ओर से एडवोकेट अखंड प्रताप सिंह पेश हुए।

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Parliament Security Breach: Delhi court denies bail to accused Neelam Azad

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