दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को टेलीविजन चैनलों और अन्य सभी मीडिया संगठनों को श्रद्धा वाकर हत्या मामले में चार्जशीट की सामग्री प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से रोक दिया, जिसमें उनके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला आरोपी हैं।
कोर्ट ने आगे कहा कि उसके आदेश में नार्कोएनालिसिस के ऑडियो और सीसीटीवी फुटेज शामिल होंगे, जिन्हें मीडिया को भी नहीं दिखाना चाहिए।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक याचिका पर आदेश पारित किया।
कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट तक पहुंच रखने वाला कोई भी मीडिया चैनल या संगठन इसे अपने चैनल पर प्रदर्शित नहीं करेगा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी चैनल इस तरह की सामग्री प्रदर्शित न करे।
दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और चार्जशीट की सामग्री की रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया घरानों और चैनलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने उन्हें इस तरह की राहत के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा।
पूनावाला और वॉकर डेटिंग ऐप बम्बल पर मिले थे और लिव-इन रिलेशनशिप में आ गए थे। पिछले साल दिल्ली में शिफ्ट होने से पहले वे शुरुआत में मुंबई से बाहर थे।
कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में मामले में नार्कोएनालिसिस की अनुमति दी थी।
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