
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के मद्देनजर आज न्यायिक कार्य स्थगित करने के उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के निर्णय पर अपनी आपत्ति व्यक्त की।
बार एसोसिएशन ने कल रात युद्ध जैसी स्थिति के बढ़ने को देखते हुए "नो वर्क डे" मनाने का फैसला किया था और कोर्ट से कोई भी विपरीत आदेश पारित न करने को कहा था। आज वकीलों की अनुपस्थिति के कारण हाईकोर्ट को अधिकांश मामलों की सुनवाई स्थगित करनी पड़ी।
पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद से संबंधित एक याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस नागू ने कहा,
"नो वर्क कॉल" थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण था। मैंने आपके अध्यक्ष [बार एसोसिएशन] से अपनी चिंता व्यक्त की कि जब सेनाएं लड़ाई लड़ रही हैं, तो आप घर पर बैठकर आराम कर रहे होंगे? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"
न्यायमूर्ति नागू ने यह टिप्पणी पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए एक वकील द्वारा मामले में पेश होने वाले वरिष्ठ वकील की अनुपस्थिति के कारण मामले को स्थगित करने की मांग के बाद की।
हालांकि, न्यायालय ने कहा कि संस्थाओं को काम करना जारी रखना होगा।
न्यायमूर्ति नागू ने कहा, "हमें भी काम करना होगा...नहीं तो देश की पूरी व्यवस्था ठप्प हो जाएगी।"
वकील ने जवाब दिया कि पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने भी काम न करने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा, "आज सुबह करीब 11 बजे पंचकूला में सायरन बजने लगे। कुछ हद तक आवाजाही कम हो गई है।"
इस पर न्यायालय ने कहा कि वकील घर से काम कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति नागू ने कहा, "हमारे पास मंच है। हर कोई घर पर बैठकर एक-दूसरे से जुड़ा रह सकता है।"
जल-बंटवारे विवाद मामले के महत्व को देखते हुए न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले पर शाम 4 बजे सुनवाई करेगा। यह मामला न्यायमूर्ति नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल के समक्ष सूचीबद्ध है।
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Soldiers are at war and you want to rest? P&H High Court on lawyers observing "no work day"