
सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने एक ऐसे छात्र की मदद की है जो अमेरिकी विश्वविद्यालय की फीस वहन नहीं कर सकता था।
एमिकस क्यूरी नलिन कोहली ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विकास महाजन को बताया कि एसजी मेहता ने पुनीत सिंह की अंतिम सेमेस्टर की पूरी फीस का भुगतान करने पर सहमति जताई है, जो न्यूयॉर्क के हॉफस्ट्रा विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं।
यह राशि लगभग 12,000 अमेरिकी डॉलर या लगभग ₹10.2 लाख होगी।
न्यायालय ने मेहता के निर्णय की सराहना की तथा एमिकस क्यूरी नलिन कोहली और केनरा बैंक का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिवक्ता गरिमा जैन के प्रयासों को स्वीकार किया।
न्यायमूर्ति महाजन सिंह के पिता रमेश कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें केनरा बैंक को पिछले सेमेस्टर की फीस जारी करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। उन्होंने बैंक से लगभग 70,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹58 लाख) का शिक्षा ऋण लिया था। हालांकि, यह परिवार द्वारा मार्जिन मनी का 15% भुगतान करने की शर्त पर था।
न्यायालय को बताया गया कि बैंक ने अब तक कुल ₹55 लाख की राशि वितरित की है, लेकिन 15% मार्जिन मनी के बिना शेष राशि का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है।
इसमें कहा गया कि कुमार 2014 से कैंसर से जूझ रहे हैं और उनके इलाज में परिवार के पैसे और बचत खत्म हो चुकी है।
23 मई को कोर्ट ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता नलिन कोहली को न्यायमित्र नियुक्त किया था।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता द्वारा दी गई जमानत से बैंक का हित पूरी तरह सुरक्षित है और याचिकाकर्ता की शिक्षा में अब केवल ट्यूशन फीस के भुगतान पर डिग्री जारी करना बाकी है।
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