सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष, दुष्यंत दवे बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में शब्दों के गर्म आदान-प्रदान में लगे।
दो वरिष्ठ वकील फर्जीवाड़े के एक मामले में आरोपी द्वारा दायर जमानत याचिका में न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष पेश हो रहे थे।
जब इस मामले को पीठ ने उठाया और पूछा कि क्या वकील स्थगन चाहते हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तब कहा,
"श्री दवे के तर्क मामूली होंगे। उनके चेहरे पर ठीक कहते हैं, लोग ऐसा बाहर कहते हैं।"
दवे ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।
"मैं कड़ी आपत्ति लेता हूं। श्री मेहता, आप सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय के लिए एक अपमान हैं। आप एक राजनीतिक नियुक्ति हैं और एक की तरह कार्य करते हैं।"
तब पीठ ने स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में हस्तक्षेप किया।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, "ज्यादा गुस्से में न आएं।"
अदालत अंततः मामले को स्थगित करने के लिए आगे बढ़ी।
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