सुप्रीम कोर्ट ने महिला पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने के आरोपी ओडिशा के भाजपा विधायक को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया

न्यायालय ने कहा, "नेतृत्व के पदों पर बैठे लोगों को सार्वजनिक आचरण के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना होगा।"
Jayanarayan Mishra and Supreme Court
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सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को ओडिशा के विधायक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जयनारायण मिश्रा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला उनके खिलाफ एक महिला पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के आरोप में दर्ज किया गया था। [जयनारायण मिश्रा बनाम ओडिशा राज्य एवं अन्य]

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने आज मिश्रा की याचिका खारिज करते हुए कहा,

"नेतृत्व के पदों पर बैठे लोगों को सार्वजनिक आचरण के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना होता है।"

Justice Hrishikesh Roy and Justice SVN Bhatti
Justice Hrishikesh Roy and Justice SVN Bhatti

मिश्रा के खिलाफ मामला पिछले साल 15 फरवरी को संबलपुर कलेक्ट्रेट के सामने हुए घटनाक्रम पर आधारित है, जहां भाजपा धरना प्रदर्शन कर रही थी।

जब आंदोलनकारी कार्यालय के गेट की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। एक महिला पुलिस अधिकारी मिश्रा के पास पहुंची, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर उसके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, उसे अनुचित तरीके से छुआ और उसके गाल पर थप्पड़ मारा।

इसके बाद मिश्रा के खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामले में महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, मानहानि, अश्लीलता, आपराधिक धमकी, गलत तरीके से रोकने और लोक सेवक पर आपराधिक बल का प्रयोग करने जैसे अपराधों का हवाला दिया गया।

मिश्रा ने आरोपों से इनकार किया और कथित तौर पर आरोप लगाया कि महिला अधिकारी ने ही उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर हमला किया।

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने 16 नवंबर, 2023 को मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद विधायक ने राहत के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भाजपा नेता के वकील ने दलील दी कि मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि कथित घटना दिनदहाड़े हुई और उसका वीडियो भी बना।

कोर्ट को बताया गया कि मामले में कई तरह के आरोप भी शामिल हैं।

मिश्रा की याचिका में जोर दिया गया कि "याचिकाकर्ता के कुछ विरोधी व्यक्तियों की गलत सलाह पर पुलिस ने याचिकाकर्ता को परेशान करने और बदनाम करने के लिए ही उपरोक्त झूठा मामला दर्ज किया।"

कोर्ट ने पहले उन्हें इस मामले में अंतरिम संरक्षण दिया था। हालांकि, आज मिश्रा की याचिका खारिज होने के साथ ही यह संरक्षण समाप्त हो जाएगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह और अधिवक्ता सार्थक नायक तथा सतीश कुमार मिश्रा की ओर से पेश हुए।

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Supreme Court denies anticipatory bail to Odisha BJP MLA accused of slapping woman cop

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