सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। [सत्येंद्र कुमार जैन बनाम प्रवर्तन निदेशालय]।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने जैन को तत्काल जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। जैन फिलहाल मेडिकल जमानत पर बाहर हैं।
पीठ ने कहा, ''सभी अपीलें खारिज की जाती हैं। सत्येंद्र जैन को तत्काल आत्मसमर्पण करना होगा ।
यह फैसला दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका पर आया है।
जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था और चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत हासिल करने से पहले एक साल तक जेल में रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार मई 2023 में जैन को अंतरिम मेडिकल जमानत दी थी । बाद में अदालत ने इसे बढ़ा दिया और जैन फिलहाल जेल से बाहर हैं
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) और 13 (ई) (आय से अधिक संपत्ति) के तहत जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मामला इन आरोपों पर दर्ज किया गया कि जैन ने 2015 और 2017 के बीच विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्तियां अर्जित कीं, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।
बाद में, ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कई कंपनियों ने हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को हस्तांतरित नकदी के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टियां प्राप्त कीं।
बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और एक ट्रायल कोर्ट ने 17 नवंबर, 2022 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2023 में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, जबकि यह कहा कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति थे और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत के लिए दोहरी शर्तों को पूरा करने के लिए नहीं कहा जा सकता है।
इसके चलते शीर्ष अदालत में अपील की गई।
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Supreme Court dismisses bail plea of AAP's Satyendar Jain in money laundering case