सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दोषी बलात्कारी और स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम के खिलाफ आपराधिक शिकायत को रद्द करने के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। (पंजाब राज्य बनाम गुरुमीत राम रहीम सिंह इंसान)
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश को बरकरार रखा।
इसमें कहा गया, "विशेष अनुमति याचिका में कोई योग्यता नहीं है। खारिज की जाती है।"
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पिछले साल अक्टूबर में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द कर दिया था।
पंजाब राज्य ने इस आदेश के खिलाफ अपील में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
बलात्कार और हत्या के मामलों में जेल की सजा काट रहे राम रहीम पर 2016 में एक सत्संग (आध्यात्मिक प्रवचन) के दौरान एक भाषण में की गई टिप्पणियों को लेकर मार्च 2023 में मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने एक आध्यात्मिक गुरु और उनके शिष्यों के बीच संबंधों पर चर्चा करते हुए संत कबीर दास और गुरु रविदास से जुड़ी एक घटना का उल्लेख किया था।
उच्च न्यायालय ने पाया था कि की गई टिप्पणियाँ ऐतिहासिक संसाधनों में निहित थीं और यह सुझाव देने के लिए कोई सबूत नहीं था कि उनकी टिप्पणियाँ धार्मिक भावनाओं या विश्वासों का अपमान करने के लिए थीं।
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Supreme Court upholds order quashing FIR against Gurmeet Ram Rahim for speech against Kabir, Ravidas