परीक्षा की तैयारी के दौरान यौन विज्ञापनो से विचलित होने के बाद YouTube से 75 लाख मांगने वाले पर SC ने 25K का जुर्माना लगाया

जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की खंडपीठ ने याचिका को "अत्याचारी" कहा और कहा कि याचिकाकर्ता YouTube पर विज्ञापन नहीं देखने का विकल्प चुन सकता था।
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई, जिसने परीक्षा की तैयारी के दौरान उसका ध्यान भटकाने के लिए YouTube से मुआवजे के रूप में ₹75 लाख की मांग की थी। [आनंद किशोर चौधरी बनाम गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड]

याचिकाकर्ता ने YouTube पर यौन रूप से स्पष्ट विज्ञापन चलाने का आरोप लगाया, जिसके कारण वह मध्य प्रदेश पुलिस परीक्षा में सफल नहीं हो पाया।

जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की खंडपीठ ने याचिका को "अत्याचारी" कहा और कहा कि याचिकाकर्ता विज्ञापनों को न देखने का विकल्प चुन सकता था।

कोर्ट ने कहा, "याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई सबसे नृशंस याचिकाओं में से एक में कहा गया है कि जब वह एमपी पुलिस परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, तो उसने YouTube की सदस्यता ली जहां यौन विज्ञापन थे। उन्होंने यूट्यूब को नोटिस और विज्ञापनों में न्यूडिटी पर रोक लगाने और 75 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।अगर आपको विज्ञापन पसंद नहीं है तो इसे न देखें। उसने विज्ञापन क्यों देखा, यह उसका विशेषाधिकार है। ऐसी याचिकाएं न्यायिक समय की बर्बादी हैं।"

बेंच याचिकाकर्ता पर जुर्माने के रूप में ₹1 लाख जमा करने का आदेश देने से रुक गया।

हालांकि, याचिकाकर्ता-इन-पर्सन ने अदालत से माफी मांगी, दावा किया कि वह एक मजदूर था, और याचिका वापस लेने की मांग की।

बेंच ने तब लागत को घटाकर ₹25,000 कर दिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में जमा किया जाना था। यह कहा,

"आपको लगता है ऐसी बेतुकी याचिकाएं फाइल कर सकते हैं। नहीं भुगतान करेंगे तो वसूली करेंगे अब"

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Supreme Court imposes ₹25k costs on man who sought ₹75 lakh from YouTube after sexual ads distracted him during exam preparation

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