सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया, जिसकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रहा था।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के अगस्त 2019 के आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता की अपील पर यह आदेश पारित किया।
यह मामला 2018 में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले से संबंधित है, जब 2017 में दिल्ली में आयकर छापे के दौरान शिवकुमार से जुड़े परिसरों से लगभग 7 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे।
शिवकुमार को ईडी ने कई दिनों की पूछताछ के बाद सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया था। हालांकि, अंततः उन्हें अक्टूबर 2019 में पारित एक आदेश द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दे दी गई, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।
हालांकि, गिरफ्तारी से पहले शिवकुमार और अन्य ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर कर उन्हें ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी थी।
अगस्त 2019 में, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, जिन्हें अब शीर्ष अदालत में पदोन्नत किया गया है, ने इन रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इसके बाद शिवकुमार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
उच् चतम न् यायालय ने आज उच् च न् यायालय के आदेश को रद्द कर दिया और कार्यवाही रद्द कर दी।
शीर्ष अदालत के समक्ष आज वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा शिवकुमार के लिए पेश हुए। अन्य आरोपियों की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और एस नागमुथु पेश हुए।
अधिवक्ता परमात्मा सिंह, मयंक जैन और मधुर जैन ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं को जानकारी दी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा राज्य के उपमुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए शिवकुमार के खिलाफ अपनी जांच को पुनर्जीवित करने के लिए दायर याचिका पर विचार नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक की भी इसी तरह की याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
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Supreme Court quashes 2018 money laundering case against Karnataka Deputy CM DK Shivakumar