सुप्रीम कोर्ट ने अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र सरकार की "अत्यावश्यकता" पर सवाल उठाया

कोर्ट ने पूछा, 'सिर्फ 24 घंटों के भीतर किस तरह का मूल्यांकन किया गया।
Supreme Court
Supreme Court
Published on
1 min read

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त करने में केंद्र सरकार की जल्दबाजी पर सवाल उठाया। [अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ और अन्य]।

न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ ने कहा कि उम्मीदवारों का मूल्यांकन और गोयल का चयन 24 घंटे के भीतर किया गया था।

जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार की बेंच भी इस आधार पर ईसीआई के सदस्यों की नियुक्ति की मौजूदा प्रणाली को चुनौती दे रही थी कि कार्यपालिका को भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(2) के उल्लंघन में नियुक्तियाँ करने की शक्ति प्राप्त है।

गोयल ने अपनी पिछली पोस्टिंग से 18 नवंबर, शुक्रवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी, 19 नवंबर को चुनाव आयोग नियुक्त किया गया था और 21 नवंबर को कार्यभार संभाला था।

कोर्ट ने बुधवार को सरकार से गोयल की हाल ही में चुनाव आयोग के रूप में नियुक्ति से संबंधित फाइल पेश करने को कहा था। ऐसा इसलिए था क्योंकि नियुक्ति भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) में नियुक्तियों पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत के समक्ष एक अंतरिम आवेदन के लंबित रहने के दौरान की गई थी।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


Supreme Court questions "tearing urgency" by Central government in appointing Arun Goel as Election Commissioner

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com