सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (सीएम) वाईएस जगन मोहन रेड्डी से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमे को हैदराबाद के बाहर, अधिमानतः दिल्ली में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। [रघु रामकृष्ण राजू बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो और अन्य]
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने सीबीआई से यह भी बताने को कहा कि मुकदमे में देरी क्यों हो रही है।
अदालत वाईएसआर कांग्रेस के सांसद (सांसद) रघु रामकृष्ण राजू द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पार्टी के अध्यक्ष हैं।
राजू ने इस आरोप पर मुकदमे को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बाहर की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की कि मौजूदा राज्य मशीनरी मुकदमे की कार्यवाही में देरी करके मुख्यमंत्री के पक्ष में काम कर रही है।
राजू ने रेखांकित किया कि यहां तक कि सीबीआई ने भी उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती नहीं दी है जिसने मुख्यमंत्री रेड्डी को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी थी। आगे बताया गया कि मुकदमा 10 साल से अधिक समय से चल रहा है और यहां तक कि आरोप भी तय नहीं किए गए हैं।
इस प्रकार, यह प्रार्थना की गई कि मुख्यमंत्री रेड्डी के खिलाफ मुकदमे को राज्य से बाहर स्थानांतरित किया जाए, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित की जा सके, और सीबीआई और रेड्डी को "एक साथ काम करने" से रोका जा सके।
राजू की ओर से वकील बालाजी श्रीनिवासन और रोहन दीवान पेश हुए।
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