सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चेक बाउंस मामले में निचली अदालत द्वारा जारी समन के संबंध में अभिनेत्री अमीषा पटेल और कुणाल गूमर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के अपराध के तहत आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। [अमीषा पटेल बनाम झारखंड राज्य]।
पटेल और गूमर को आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) और नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 (चेक का अनादर) के तहत समन जारी किया गया था।
जस्टिस बीआर गवई और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने झारखंड उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ अपील में झारखंड राज्य को नोटिस जारी किया, जिसने दोनों द्वारा दायर खारिज करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
नोटिस आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के अपराधों तक सीमित था, जबकि चेक अनादर के मामले में कानून के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका में रांची में दायर एक शिकायत के संबंध में जारी समन को रद्द करने की मांग की गई थी।
अजय कुमार सिंह द्वारा शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि घूमर ने एक फिल्म में अपने निवेश पर वापसी और ब्याज के रूप में, 2.5 करोड़, और 50 लाख के चेक जारी किए थे, जो अंततः कभी नहीं बनी थी।
चेक बाउंस होने के बाद अभिनेत्री और घूमर के खिलाफ शिकायत की गई।
[आदेश पढ़ें]
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Supreme Court stays cheating case against Ameesha Patel in relation to cheque bounce case