सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात की एक अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि 'केवल गुजराती ही धोखेबाज हो सकते हैं'।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने मुकदमे को गुजरात से बिहार स्थानांतरित करने की मांग करने वाली यादव की स्थानांतरण याचिका पर शिकायतकर्ता से जवाब मांगा।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता के खिलाफ गुजरात के अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की गई थी, जब उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि आज की स्थिति में "केवल गुजराती ही धोखेबाज हो सकते हैं"।
यह शिकायत ऑल इंडिया एंटी करप्शन एंड क्राइम प्रिवेंटिव काउंसिल नामक संगठन के उपाध्यक्ष हरेश मेहता ने दायर की थी। मजिस्ट्रेट से यादव को बुलाने का आग्रह करते हुए मेहता ने कहा कि यादव की टिप्पणी से गुजरातियों को "मानसिक और शारीरिक नुकसान" हुआ है।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यादव ने 22 मार्च को विवादास्पद टिप्पणी की जब उन्होंने कथित तौर पर कहा,
"जो दो ठग है ना, जो ठग है, ठग को जो अनुमति है, आज के देश के हालात में देखा जाएगा तो सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते है और उसके ठग को माफ किया जाएगा। एलआईसी का पैसा, बैंक का पैसा दे दो, फिर वो लोग लेके भाग जाएंगे, तो कौन जिम्मेदार होगा?"
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Supreme Court stays defamation case against Tejashwi Prasad Yadav over "Gujaratis are cheats" remark