
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल के खिलाफ हाल ही में दी गई फटकार पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की याचिका पर यह आदेश पारित किया।
सभरवाल के खिलाफ टिप्पणी पर रोक लगाते हुए न्यायालय ने कहा, "पक्ष के खिलाफ कुछ भी कहा जा सकता है। लेकिन वकील के खिलाफ कड़ी टिप्पणी नहीं की जा सकती।"
पिछले महीने पारित आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा था कि सभरवाल ने एक आरोपी की मेडिकल जमानत याचिका का विरोध करने के लिए भ्रामक प्रस्तुतियाँ दी थीं।
राज्य के वकील ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय को बताया था कि आरोपी की हालत स्थिर है। बाद में आरोपी की अस्पताल में मौत हो गई।
ट्रायल कोर्ट के समक्ष आरोपी की जमानत याचिका के बारे में भी गलत प्रस्तुतियाँ दी गई थीं।
न्यायमूर्ति मंजरी नेहरू कौल ने 31 जनवरी को पारित आदेश में कहा था, "तथ्यों को दबाना, गलत तरीके से प्रस्तुत करना या न्यायालय को किसी भी तरह से गुमराह करना अभियोजन नैतिकता का गंभीर उल्लंघन और न्यायिक निष्ठा का अपमान है।"
इसके बाद हरियाणा राज्य ने शीर्ष न्यायालय का रुख किया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व किया।
प्रतिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शोएब आलम उपस्थित हुए।
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Supreme Court stays strictures passed by High Court against Haryana AAG