सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिल्म गंगूबाई काठीवाड़ी के निर्माताओं से पूछा कि क्या फिल्म का शीर्षक बदलना संभव होगा, अदालतों के समक्ष लंबित कई मामलों के आलोक में शुक्रवार, 25 फरवरी को इसकी रिलीज को रोकने की मांग की जा रही है [बाबूजी रावजी शाह v. हुसैन जैदी और अन्य]।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर विचार कर रही थी जिसमें गंगूबाई काठियावाड़ी अभिनेत्री आलिया भट्ट और लेखक एस हुसैन जैदी और जेन बोर्गेस के निर्माताओं के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि शिकायत में मुंबई की एक अदालत द्वारा जारी सम्मन पर रोक जारी रखी गई थी, जिन्होंने किताब लिखी थी।
पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से जानना चाहा कि क्या प्रार्थना को स्वीकार किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति बनर्जी से पूछा, "क्या शीर्षक बदलना संभव है?"
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वे फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने के लिए दबाव डालेंगे।
उत्तरदाताओं ने तर्क दिया कि फिल्म रिलीज होने से एक दिन पहले, एक नाम परिवर्तन "संभव नहीं होगा।"
गंगूबाई के दत्तक पुत्र द्वारा दायर किए गए मुकदमे में भंसाली प्रोडक्शंस के खिलाफ आलिया भट्ट-स्टार्टर गंगूबाई काठियावाड़ी सहित उक्त उपन्यास पर आधारित किसी भी फिल्म के प्रोमो का निर्माण, निर्देशन या प्रसारण करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि मानहानि के मुकदमे में सुविधा का संतुलन हमेशा मानहानि वाले व्यक्ति के पक्ष में होना चाहिए।
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[BREAKING] Gangubai Kathiawadi: "Is it possible to change title:" Supreme Court asks