दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्वाति मालीवाल हमला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को सांसदों और विधानसभा सदस्यों (एमपी/एमएलए) से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली रोस्टर बेंच को स्थानांतरित कर दिया।
यह मामला आज न्यायमूर्ति नवीन चावला के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, जिन्होंने कहा कि चूंकि शिकायतकर्ता राज्यसभा सदस्य हैं, इसलिए मामले की सुनवाई सांसद/विधायक मामलों की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा वर्तमान/पूर्व सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों के लिए रोस्टर न्यायाधीश हैं।
मामले का स्थानांतरण उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के आदेश के अधीन है। मामले की सुनवाई आज न्यायमूर्ति शर्मा द्वारा ही किए जाने की संभावना है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर राज्यसभा सांसद पर हमला करने के आरोपी कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और इसके लिए मुआवजे की भी मांग की है।
उन्होंने उच्च न्यायालय से यह घोषित करने का आग्रह किया है कि उनकी गिरफ्तारी अर्नेश कुमार निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
इससे पहले 27 मई को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। 24 मई को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
मालिवल आम आदमी पार्टी (आप) की नेता हैं। एफआईआर के अनुसार, कुमार ने मालीवाल के सीने, पेट और श्रोणि क्षेत्र पर पैरों से वार किया।
आप ने सांसद के आरोपों का खंडन किया है और उन पर राजनीतिक पार्टी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है।
इससे पहले सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें मालीवाल कथित हमले के दिन सुरक्षाकर्मियों से बहस करते हुए और मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रही थीं।
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