उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश ने आरोप लगाया कि उन पर उन्नाव बार एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा हमला करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है
25 मार्च को, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय, POCSO अधिनियम) उन्नाव, प्रहलाद टंडन ने SHO, उन्नाव (कोतवाली पुलिस स्टेशन) को एक पत्र लिखा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्नाव बार एसोसिएशन के सदस्यों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, मारपीट और थप्पड़ मारा गया था।
मैंने जब अपने चैम्बर में जाने का प्रयास किया तो इन लोगो ने मुझे घेर लिया और मेरे साथ थप्पड़ लात घूसों से मारपीट व धक्का मुक्की किया तथा मेरा मोबाइल छीन लिया
पत्र में जिन अधिवक्ताओं का उल्लेख किया गया है, उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है।
न्यायाधीश के पत्र के अनुसार, 25 मार्च को लगभग 11 बजे, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव के साथ 150-200 वकीलों की एक भीड़ ने कोर्ट रूम नंबर 11 में प्रवेश किया, जहां न्यायाधीश बैठे थे और नारेबाजी शुरू कर दी कुर्सी और मेज को फेंकने लगे।
न्यायाधीश ने आरोप लगाया कि अदालत के कर्मचारियों द्वारा उसे बचाया जाने से पहले उसे इन अधिवक्ताओं द्वारा थप्पड़ और हमला किया गया था।
साथ ही मुझे न्यायालय कक्ष से सटी गैलरी तक दौड़ाया और मेरे चैम्बर में तथा मेरे स्टेनो के चैम्बर में भी तोड़ फोड़ की तथा खिड़की के शीशे आदि तोड़ डाले
उसी के मद्देनजर न्यायाधीश ने पुलिस से कथित घटना की तत्काल जांच शुरू करने का अनुरोध किया था। तदनुसार, पुलिस स्टेशन द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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