Woman Judge
Woman Judge

सिविल जज को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद यूपी पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

पिछले साल दिसंबर में, इसी न्यायाधीश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक खुला पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि जिला न्यायाधीश और उनके सहयोगियों द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया गया था।
Published on

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महिला सिविल जज को पत्र के माध्यम से जान से मारने की धमकी मिलने के बाद अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है।

बांदा जिले के कोतवाली नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 28 मार्च को न्यायाधीश को एक अज्ञात व्यक्ति से धमकी भरा पत्र मिला।

जज ने पत्र में तीन व्यक्तियों के नाम भी बताए हैं जिसमें कहा गया है कि यदि पोस्ट ऑफिस का सीसीटीवी निकल कर जांच की जाए, तो स्पष्ट हो जायेगा कि किस व्यक्ति द्वारा यह लिफाफा रजिस्टर्ड पोस्ट किया गया है और षण्यंत्र का खुलासा होगा।

पिछले साल दिसंबर में, इसी न्यायाधीश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ को एक खुला पत्र लिखकर अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी थी।

पत्र में न्यायाधीश ने आरोप लगाया कि जिला न्यायाधीश और उनके सहयोगियों ने उसका यौन उत्पीड़न किया है। उन्होंने दावा किया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सीजेआई के निर्देशन में, सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबाद उच्च न्यायालय को एक संचार भेजा गया था जिसमें महिला न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर सभी शिकायतों की वर्तमान स्थिति की मांग की गई थी।

न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय की आंतरिक शिकायत समिति से भी शिकायत की थी, जिसने जांच शुरू करने में छह महीने का समय लिया। बाद में उन्होंने जांच को एक दिखावा करार दिया, यह दावा करते हुए कि गवाह जिला न्यायाधीश के तत्काल अधीनस्थ थे, जिनके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाए थे।

13 दिसंबर, 2023 को उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, जस्टिस ऋषिकेश रॉय की अगुवाई वाली बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

UP Police lodges FIR after civil judge receives death threat

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com