संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह पूजा खेडकर को उनकी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की उम्मीदवारी रद्द करने के आदेश की एक प्रति उपलब्ध कराएगा।
यूपीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक ने न्यायमूर्ति ज्योति सिंह के समक्ष यह बयान दिया।
न्यायालय पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी खेडकर द्वारा यूपीएससी की प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह खेडकर की ओर से पेश हुईं और उन्होंने न्यायालय को बताया कि रद्द करने के आदेश के बारे में उन्हें कभी सूचित नहीं किया गया, बल्कि यह खबर उन्हें केवल प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मिली।
न्यायालय ने कहा कि खेडकर यूपीएससी को अपना पता देंगी और आदेश उन्हें भौतिक रूप से और इलेक्ट्रॉनिक रूप से दोनों तरह से दिया जाना चाहिए।
न्यायालय ने कहा कि रद्द करने के आदेश को चुनौती देने जैसी अन्य राहत के लिए खेडकर को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) से संपर्क करना होगा।
इसके बाद न्यायमूर्ति सिंह ने याचिका का निपटारा कर दिया।
खेडकर पर यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों के लिए निर्धारित आरक्षण का धोखाधड़ी से लाभ उठाने का आरोप है।
31 जुलाई को यूपीएससी ने एक बयान जारी कर खेडकर का सिविल सेवा में चयन रद्द कर दिया था। आयोग ने उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया।
विशेष रूप से, दिल्ली पुलिस ने यूपीएससी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को अपनी जांच का दायरा बढ़ाने और यह पता लगाने का भी आदेश दिया कि क्या किसी अन्य व्यक्ति ने बिना पात्रता के ओबीसी और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के तहत कोटा का लाभ उठाया होगा।
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस को यह पता लगाने का आदेश दिया गया है कि क्या यूपीएससी के किसी अधिकारी ने खेडकर की मदद की थी।
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UPSC tells Delhi High Court it will give Puja Khedkar copy of order cancelling her IAS candidature