
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी जिले में आंशिक रूप से ध्वस्त सिल्कियारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए किए गए वर्तमान अभियान और कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार और केंद्र सरकार से 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमारी तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) समाधान द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा, "मुख्य स्थायी वकील को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर राहत एवं बचाव अभियान में हुई प्रगति से अदालत को अवगत कराएं।"
अदालत ने आपदा प्रबंधन सचिव, लोक निर्माण विभाग, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम को भी नोटिस जारी किया।
मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिल्कियारा सुरंग 12 नवंबर को ढह गई थी, जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे।
एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा कि श्रमिक 12 नवंबर से सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं लेकिन सरकार को उन्हें बचाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
एनजीओ ने आरोप लगाया कि सरकार और कार्यदायी संस्था फंसे हुए लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।
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