वाराणसी कोर्ट ने अखिलेश यादव, असदुद्दीन औवेसी के खिलाफ एफआईआर की याचिका खारिज की

याचिका में दावा किया गया कि दोनों नेता ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'शिव लिंग' पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करके वाराणसी का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
Akhilesh Yadav, Asaduddin Owaisi and Gyanvapi mosque
Akhilesh Yadav, Asaduddin Owaisi and Gyanvapi mosque
Published on
1 min read

वाराणसी की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में की गई टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने अधिवक्ता हरिशंकर पांडे द्वारा दोनों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया।

फरवरी 2023 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पांडे की याचिका को खारिज कर दिया था, क्योंकि कोर्ट ने पाया था कि नेताओं के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है।

इससे पांडे को सत्र न्यायालय का रुख करना पड़ा।

पांडे ने दावा किया कि दोनों नेता ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर मिली वस्तु, जिसे शिव लिंग बताया जा रहा है, पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करके वाराणसी का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर टिप्पणी न करने के बावजूद, ये नेता वोट के उद्देश्य से लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे थे।

उनकी याचिका में आगे कहा गया कि नेताओं ने शिव लिंग पर अपनी 'आपत्तिजनक टिप्पणियों' से हिंदुओं की 'भावनाओं को ठेस पहुँचाई' है।

 और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


Varanasi court rejects plea for FIR against Akhilesh Yadav, Asaduddin Owaisi

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com