भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के बचाव में आए, जब यह बताया गया कि नियमों का उल्लंघन करते हुए एक मामले को दूसरी बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।
CJI ने यह टिप्पणी तब की जब एडवोकेट प्रशांत भूषण ने तमिलनाडु कैश-फॉर-जॉब्स स्कैम मामले में एक अवमानना याचिका का उल्लेख किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बताया कि इस मामले को न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना था, लेकिन इसे दूसरी पीठ को सौंप दिया गया।
उन्होंने कहा "रजिस्ट्री को नियमों का पालन करने की जरूरत है।"
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने जवाब दिया,
"रजिस्ट्री की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन मुझे कागजों को देखना होगा और फिर फैसला करना होगा।"
वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने तब बताया कि इस मामले को पहले न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने निपटाया था, यही वजह है कि इसे उनके सामने फिर से सूचीबद्ध किया गया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसे मामलों पर न्यायालय के समक्ष चर्चा भी नहीं की जानी चाहिए।
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"Very easy to criticise Registry": CJI DY Chandrachud on matter being listed before different bench