जम्मू-कश्मीर के एक नेत्रहीन अधिवक्ता सूरज सिंह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विकलांगता कानूनों को लागू करने में सरकार की कथित विफलता के खिलाफ धरने पर बैठे हैं।
सूरज ने बार एंड बेंच को बताया कि उन्होंने 2016 के विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त मुद्दों के निवारण और अधिकारों को लागू करने के लिए उच्च न्यायालय के जम्मू विंग में जम्मू और कश्मीर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
उन्होंने आरोप लगाया, "मैंने समय-समय पर जम्मू-कश्मीर के सक्षम अधिकारियों के समक्ष मुद्दों के बारे में आंदोलन किया है, लेकिन आज तक उन्हें आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम को लागू करने में एक उदासीन दृष्टिकोण अपनाने के माध्यम से परेशान किया जा रहा है।"
सूरज 2011 से जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के जम्मू विंग में एक वकील के रूप में अभ्यास कर रहा है और अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है, जिसे उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत संघ बनाम नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिया में अपने फैसले में इसे बरकरार रखा है।
जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके भारद्वाज ने मामले में एक पत्र जारी कर कानून और संसदीय मामलों के विभाग में सचिव को भेजा है, जिसमें सूरज सिंह को उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त करने की मांग की गई है।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें