केंद्र सरकार ने इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत "गैरकानूनी संघ" के रूप में सरकार की घोषणा की पुष्टि करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल के एक सदस्यीय न्यायाधिकरण का गठन किया है।
UAPA की धारा 5 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गृह मंत्रालय द्वारा 13 दिसंबर को ट्रिब्यूनल का गठन करने वाली एक अधिसूचना प्रकाशित की गई थी।
केंद्र सरकार ने पहले यूएपीए के तहत 15 नवंबर, 2021 की एक अधिसूचना द्वारा आईआरएफ को 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया था।
यूएपीए की धारा 4 में कहा गया है कि सरकार के उक्त निर्णय की पुष्टि एक ट्रिब्यूनल द्वारा की जानी चाहिए जो किसी भी पदाधिकारी या संबंधित एसोसिएशन के सदस्य से लिखित स्पष्टीकरण मांगने के बाद अपने निर्णय पर पहुंचेगा।
धारा 5 ऐसे न्यायाधिकरण के गठन का प्रावधान करती है। उसी के तहत वर्तमान अधिसूचना जारी की गई है।
ट्रिब्यूनल यह निर्धारित करेगा कि आईआरएफ को एक गैरकानूनी संघ घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण था या नहीं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई 2017 में आईआरएफ पर लगाए गए प्रतिबंध को रद्द करने से इनकार कर दिया था।
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