तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य के अड़तालीस 'सीनियर ग्रेड' मंदिरों को अपने संबंधित यूट्यूब चैनलों पर अपने दान पेटियों के उद्घाटन की लाइव स्ट्रीम करने का निर्देश दिया गया है।
राज्य सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग ने मंदिर निधि के प्रबंधन में अनियमितताओं की चिंताओं से जुड़े एक मामले में दायर जवाबी हलफनामे में यह बात कही।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती की पीठ कर रही है।
एचआर एंड सीई विभाग ने अदालत को सूचित किया कि राज्य ने एक परिपत्र जारी कर अड़तालीस वरिष्ठ ग्रेड मंदिरों को अपने दान पेटियों को खोलने की लाइव स्ट्रीम करने और 1975 के हुंडियाल नियमों की स्थापना, सुरक्षा और लेखांकन के प्रावधानों का पालन करने का निर्देश दिया है।
अदालत रंगराजन नरसिम्हन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने दान पेटियों से नकदी और सोने के आभूषणों की चोरी की घटनाओं को उजागर करते हुए अदालत का रुख किया था।
राज्य ने अदालत को बताया कि एक बार दान पेटियां खुलने के बाद, अंदर पाए गए सभी नकदी, आभूषण और अन्य सभी वस्तुओं का विस्तृत रिकॉर्ड मंदिर अधिकारियों द्वारा तुरंत तैयार किया जाता है।
यह भी प्रस्तुत किया गया कि अक्सर ऐसे बक्से आम जनता की उपस्थिति में खोले जाते हैं और दान के रिकॉर्ड वाले मंदिर रजिस्टर पर हर बार नई प्रविष्टियाँ होने पर आम जनता के दो सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं।
न्यायालय ने राज्य की दलीलें दर्ज कीं और मामले को 11 जनवरी, 2024 को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें