आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान ने कथित वक्फ बोर्ड भर्ती घोटाले में अपने खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से वापस ले ली।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने आज मामले को वापस लेने की अनुमति दे दी।
अमानतुल्ला खान ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की प्राथमिकी और ईडी की कार्यवाही को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था
उन्होंने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 को कम करने के निर्देश देने की भी मांग की थी।
उनके खिलाफ धन शोधन का मामला दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। यह आरोप लगाया गया है कि जब खान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने कानून का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से लोगों की भर्ती की थी।
एसीबी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया और इसके बाद ईडी की कार्यवाही शुरू हुई।
यह खान का मामला था कि उनके खिलाफ कार्यवाही "उत्पीड़न और उत्पीड़न का एक क्लासिक मामला" है और यहां तक कि सीबीआई ने भी कहा है कि पैसे का कोई आदान-प्रदान नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा कि न तो प्रतिपादित अपराध में और न ही पीएमएलए मामले में अपराध से अर्जित किसी आय की पहचान की गई है।
उच्च न्यायालय ने एक फरवरी को ईडी द्वारा खान को जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
मामला जब आज सुनवाई के लिए आया तो खान ने अपनी याचिका वापस ले ली।
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Amanatullah Khan withdraws plea from Delhi High Court against ED, ACB case against him