अश्नीर ग्रोवर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह भारतपे के बारे में गोपनीय विवरण उजागर नहीं करेंगे

भारतपे ने ग्रोवर के खिलाफ याचिका दायर कर उन्हें कंपनी की गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने से रोकने की मांग की थी।
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भारतपे के सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर ने पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दिया कि वह अपने पूर्व नियोक्ता के बारे में गोपनीय विवरण का खुलासा नहीं करेंगे और ईमानदारी से रोजगार समझौते का पालन करेंगे।

ग्रोवर की ओर से पेश हुए वकील गिरिराज सुब्रमण्यम ने अदालत से कहा कि वह एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ग्रोवर के पोस्ट के लिए माफी मांगने के लिए भी तैयार हैं।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने 24 नवंबर को बयान को रिकॉर्ड पर लिया।

ग्रोवर को भारतपे का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। उन्होंने 1 मार्च, 2022 को पद से इस्तीफा दे दिया था।

भारतपे ने 1996 के मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 9 के तहत एक याचिका दायर की थी, जिसमें ग्रोवर के खिलाफ अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई थी ताकि उन्हें सार्वजनिक डोमेन में कंपनी की गोपनीय जानकारी का खुलासा करने से रोका जा सके।

भारतपे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल पेश हुए और अदालत को बताया कि ग्रोवर ने इस्तीफे के बाद सकारात्मक दायित्व के बावजूद जानकारी को बनाए रखा है।

सिब्बल ने आगे कहा कि ग्रोवर का सोशल मीडिया पोस्ट में मानहानिकारक बयान देने का एक पैटर्न है, जिसे वह बाद में हटा देते हैं।

लेकिन उस समय तक, नुकसान पहले ही हो चुका होता है, उन्होंने तर्क दिया।

इस बीच, सुब्रमण्यम ने कहा कि ग्रोवर को उक्त पोस्ट नहीं करना चाहिए था और वह इसके लिए माफी मांगने को तैयार हैं।

उन्होंने इस आधार पर याचिका की विचारणीयता पर भी सवाल उठाया कि शेयरधारकों के समझौते के तहत गठित मध्यस्थ न्यायाधिकरण के समक्ष पार्टियों के बीच मध्यस्थ कार्यवाही पहले से ही चल रही है और इसलिए, रोजगार समझौते से संबंधित विवादों को भी मध्यस्थ न्यायाधिकरण को भेजा जाएगा।

हाईकोर्ट ने कहा कि इस पहलू पर सुनवाई की अगली तारीख 22 दिसंबर को विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि ग्रोवर ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के उल्लंघन के लिए माफी मांगी थी, जिसमें उन्हें और भारतपे को एक-दूसरे के खिलाफ 'असंसदीय' और 'अपमानजनक' आरोप नहीं लगाने का निर्देश दिया गया था।

अदालत ने ग्रोवर के आचरण को भयावह करार दिया था और 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल के साथ अधिवक्ता अनुज बेरी, सौरभ रथ, मेघा जानकीरमण, भार्गवी वडेयार, विभोर यादव, मोहित गोयल, अश्विनी जैन और अपराजित सेन भारतपे की ओर से पेश हुए।

अशनीर ग्रोवर का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता गिरिराज सुब्रमण्यम, सिमरपाल सिंह साहनी, जॉय बनर्जी, रवि पाठक, अखिलेश तल्लुरी, सिद्धांत जुयाल और उर्वशी सिंह ने किया।

[आदेश पढ़ें]

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Ashneer Grover tells Delhi High Court he will not reveal confidential details about BharatPe

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