बॉम्बे हाईकोर्ट ने बॉम्बे डाइंग को जारी 16 साल पुराना कारण बताओ नोटिस रद्द किया

कोर्ट ने कहा कि यह नोटिस जारी करने वाली संस्था की जिम्मेदारी है कि वह एक उचित समय सीमा के भीतर इस पर फैसला सुनाकर इसे तार्किक अंत तक पहुंचाए।
Bombay High Court

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सेंट्रल एक्साइज अथॉरिटीज द्वारा बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड को 2005 में जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया। [बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड बनाम डिप्टी कमिश्नर, सीजीएसटी]।

जस्टिस आरडी धानुका और एसएम मोदक ने टिप्पणी की कि निर्धारिती से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह इतने लंबे समय तक सबूतों को सुरक्षित रखे और फिर सुनवाई के लिए पेश करे।

कोर्ट के आदेश में कहा गया है, "प्रतिवादी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है, यह उनका कर्तव्य है कि उचित समय के भीतर उक्त कारण बताओ नोटिस पर निर्णय करके उक्त कारण बताओ नोटिस को उसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाए। प्रतिवादी की ओर से घोर विलंब को देखते हुए याचिकाकर्ता को पीड़ित नहीं किया जा सकता ... कारण बताओ नोटिस की देर से सुनवाई नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है।"

बॉम्बे डाइंग द्वारा संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की गई थी, जब 16 साल पुराने नोटिस को अंततः निर्णय के लिए लिया गया था।

[आदेश पढ़ें]

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Bombay High Court quashes 16-year-old show-cause notice issued to Bombay Dyeing

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