यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य की निचली न्यायपालिका अधिक कुशलता से काम करे, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शनिवार को राज्य के न्यायिक अधिकारियों को 1,000 लैपटॉप वितरित किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी न्यायिक वितरण प्रणाली में गहराई से निहित हो गई है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हमें बिना शर्त स्वीकार करना होगा कि हमें खुद को तैयार करना होगा और समय के साथ चलना होगा ताकि हम पीछे न रह जाएं। दाखिल करने की प्रक्रिया आदि सहित अदालती कार्यवाही का कम्प्यूटरीकरण एक वरदान रहा है और इससे मामलों के निपटान और प्रभावी मामले प्रबंधन में काफी हद तक सुधार हुआ है।"
उन्होंने कहा, ''कोविड19 महामारी ने न्यायपालिका को बहुत 'क्रूर' सबक सिखाया, जिससे उसे वैकल्पिक तरीका (मामलों की सुनवाई का आभासी तरीका) अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होने कहा, "तभी देश भर की अदालतें पूरी तरह से वर्चुअल मोड में आ गई थीं। महामारी के दौर में मुकदमों का प्रभावी निस्तारण हुआ। निचली अदालतें भी ठीक से काम करने में सक्षम थीं। कठिन समय के दौरान हमें जो सबक सिखाया गया था वह अब भी कायम रहेगा और हमें अपनी प्रतिभा को और बेहतर बनाना होगा। इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, कंप्यूटर समिति ने न्यायिक अधिकारियों के लिए सर्वोत्तम लैपटॉप की सिफारिश की।"
मुख्य न्यायाधीश शिवगणम ने आगे बताया कि न्यायिक अधिकारियों को जो लैपटॉप वितरित किए जा रहे हैं, वे 'सर्वोत्तम कॉन्फ़िगरेशन' के हैं क्योंकि वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा उपयोग किए जा रहे लैपटॉप की तुलना में कहीं बेहतर गुणवत्ता वाले हैं।
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Calcutta High Court distributes 1,000 laptops to judicial officers in West Bengal