कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 15 सितंबर को अदालत के आदेश के बावजूद एक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को स्थानांतरित नहीं करने के लिए पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया। [कल्पना दास सरकार एवं अन्य बनाम राज्य एवं अन्य]।
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीआईडी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत के 24 अगस्त के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसमें राज्य एजेंसी को केंद्रीय जांच एजेंसियों को जांच स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था।
कोर्ट ने कहा कि सीआईडी "अदालत के साथ खेल रही है" और वापस बुलाने की याचिका "बिल्कुल तुच्छ" है।
न्यायालय ने देखा, "सीआइडी ने रिकॉल आवेदन दायर किया है. पता नहीं क्यों। इससे पता चलता है कि सीआइडी की ओर से जांच से संबंधित कोई भी कागजात व दस्तावेज सीबीआइ व ईडी को नहीं सौंपा गया है. सीआइडी कोर्ट के साथ खिलवाड़ कर रही है. आवेदन की पुष्टि सीआइडी के एक अधिकारी ने की है. सीआईडी को जांच सीबीआई और ईडी को सौंपने में इतनी दिलचस्पी क्यों है? क्या सीआईडी को कुछ ऐसा सामने आने का डर है जिसे सीआईडी ने लोगों की नजरों से बचाकर रखा था।"
कोर्ट ने कहा, सीआईडी का इस तरह का आवेदन दायर करने का कोई काम नहीं है।
यह मामला अलीपुरद्वार महिला रिंदन समाबे समिति द्वारा याचिकाकर्ताओं को पैसा लौटाने में कथित विफलता से संबंधित है, जो जमाकर्ता थे।
यह आरोप लगाया गया था, सीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार सोसायटी में 21,163 सदस्य थे। याचिकाकर्ताओं ने अदालत का रुख करते हुए आरोप लगाया कि सदस्यों द्वारा जमा की गई धनराशि ₹50 करोड़ से कम नहीं थी और यह धनराशि विभिन्न उधारकर्ताओं को ऋण के रूप में दी गई थी। हालांकि, सीआइडी द्वारा करीब तीन साल तक मामले की जांच करने के बाद भी ऐसे कर्जदारों के नाम सामने नहीं आये हैं।
इसके बाद, सीआईडी ने रिकॉल एप्लिकेशन दायर की।
अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और 22 सितंबर तक सीआईडी द्वारा उच्च न्यायालय कानूनी सेवा प्राधिकरण को ₹5 लाख का भुगतान करने का जुर्माना लगाया।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए सीबीआई और ईडी को तीन दिन के भीतर मामले की जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने आदेश दिया, "मैं सीबीआई और ईडी को निर्देश देता हूं कि अगर पहले से जांच नहीं हुई है तो तीन दिन के अंदर जांच शुरू करें और मैं सीआईडी को 18 सितंबर, 2023 तक सभी कागजात और दस्तावेज सीबीआई और ईडी को सौंपने का निर्देश देता हूं।"
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि मामले को अगले आदेश के लिए 18 सितंबर को दोपहर 3 बजे सूचीबद्ध किया जाए।
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