मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर विज्ञापन पोस्ट करने के लिए एक फार्मासिस्ट के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करते हुए कहा कि पारंपरिक गुजराती नृत्य रूप 'गरबा' खेल रहे एक जोड़े को दिखाने वाले कंडोम के विज्ञापन को अश्लीलता नहीं माना जाएगा। [महेंद्र त्रिपाठी बनाम मध्य प्रदेश राज्य]।
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह विचाराधीन पोस्ट की जांच करने के बाद निर्णय पर पहुंचे, जिसमें कहा गया था - प्री लवरात्रि वीकेंड ऑफर - कंडोम (3 का पैक) या 0 रुपये में एक गर्भावस्था परीक्षण किट - जिसमें एक युगल गरबा खेल रहा है।
कोर्ट ने आदेश में कहा, "निःसंदेह, आवेदक इंदौर में फार्मेसी का व्यवसायी है। चूँकि उक्त पोस्ट के अलावा रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है जो उनके इस तरह के इरादे को इंगित करता है, इसलिए इस तथ्य पर विचार करते हुए कि वह स्वयं हिंदू समुदाय से हैं, और इस तथ्य पर भी कि उन्होंने अपनी पहचान छुपाए बिना अपने मोबाइल नंबर से इसे पोस्ट किया, ऐसा प्रतीत होता है उनका इरादा सिर्फ अपनी कंपनी के उत्पाद को बढ़ावा देना था न कि किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाना।"
कोर्ट ने इस तर्क को भी नहीं माना कि विज्ञापन अश्लील था।
[आदेश पढ़ें]
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें