

दिल्ली की एक कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व बिहार मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की उस याचिका पर जज विशाल गोगने से कमेंट मांगे, जिसमें उन्होंने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ क्रिमिनल केस दूसरे जज को ट्रांसफर करने की मांग की है।
राउज़ एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज दिनेश भट्ट ने आज राबड़ी देवी के वकील, सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
कोर्ट ने कहा, "आवेदक के विद्वान वकील ने कहा है कि वह एक दिन के अंदर एक छोटा सार दाखिल करेंगे और उन्होंने डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट बनाम अजय एस. मित्तल, 2024 SCC ऑनलाइन Del 4047 के फैसले का भी हवाला दिया। इस बीच, माननीय विशेष जज से भी टिप्पणी मंगवाई जाए।"
कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करेगा।
राबड़ी देवी ने जज गोगने के सामने लंबित चार मामलों को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए चार याचिकाएं दायर की हैं। ये मामले कथित IRCTC घोटाले, नौकरी के बदले जमीन मामले और इन मामलों के आधार पर शुरू की गई मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही से संबंधित हैं।
आज, सीनियर एडवोकेट सिंह ने मामले में अपनी जवाबी दलीलें दीं और कहा कि जज गोगने के सामने कुल 29 मामले लंबित हैं, लेकिन राबड़ी देवी और उनके परिवार के खिलाफ मामलों की तरह किसी भी अन्य मामले को इतनी "जल्दबाजी में" नहीं लिया जा रहा है।
सिंह ने कहा कि 1 जनवरी, 2025 से 14 दिसंबर, 2025 के बीच, जज ने यादव परिवार के खिलाफ चार मामलों की सुनवाई क्रमशः 117, 70, 50 और 28 बार की।
इसके अलावा, उन्होंने CBI की इस दलील पर भी आपत्ति जताई कि राबड़ी देवी की मामलों को ट्रांसफर करने की याचिका "जज को नीचा दिखाने" या "कोर्ट पर दबाव बनाने" के लिए थी। उन्होंने कहा कि ऐसी दलीलें मानहानिकारक और झूठी हैं।
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को, CBI की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) डीपी सिंह पेश हुए थे और उन्होंने राबड़ी देवी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि RJD नेता कार्यवाही में देरी करने की कोशिश कर रही हैं।
CBI ने कहा कि जज गोगने मामलों से निपटने में कोर्ट और अपने पूर्ववर्तियों द्वारा तय प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।
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Delhi court seeks Judge Vishal Gogne's comments on Rabri Devi's plea to transfer cases from him