जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गैर-वकीलों के कोर्ट परिसर में सफेद शर्ट, काला कोट/पैंट पहनने पर प्रतिबंध लगाया

बार निकाय ने इस बात पर जोर दिया कि काले और सफेद रंग का ड्रेस कोड केवल वकीलों के लिए आरक्षित है तथा अदालत परिसर मे छद्मवेश और कदाचार के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए इसके दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी।
Jammu High Court and lawyers
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जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने एक नोटिस जारी कर क्लर्कों, वादियों और आम जनता को न्यायालय परिसर में सफेद शर्ट और काली पतलून के साथ काला कोट पहनने पर रोक लगा दी है।

बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव अंशु महाजन द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि कोई भी क्लर्क, वादी या आम जनता का सदस्य जो वकील की पोशाक पहने पाया जाएगा, उसे दलाल माना जाएगा।

19 जुलाई को जारी नोटिस में कहा गया है, "इसके द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि किसी भी क्लर्क, वादी या आम जनता को न्यायालय परिसर में आने के दौरान सफेद शर्ट, काली पैंट और काला कोट पहनने की अनुमति नहीं है। उक्त अधिसूचना का उल्लंघन करते पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को दलाल माना जाएगा और उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी, जिसमें ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध औपचारिक शिकायत दर्ज करना भी शामिल है।"

बार एसोसिएशन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पारंपरिक श्वेत-श्याम पोशाक केवल वकीलों की पेशेवर पहचान का प्रतीक है और इसका अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा दुरुपयोग या नकल नहीं की जानी चाहिए।

यह निर्णय न्यायालय परिसर में छद्मवेश और अनधिकृत आचरण के बारे में चिंता व्यक्त किए जाने के बाद लिया गया है।

इस बीच, एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं को यह भी निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके प्रशिक्षु उचित वर्दी पहनकर शालीनता बनाए रखें, जिसमें काली टाई भी शामिल है, तथा वे प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं से जुड़ी सफेद गर्दन की सहायक वस्तु 'बैंड' पहनने से सख्ती से परहेज करें।

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J&K High Court Bar Association bans non-lawyers from wearing white shirt, black coat/ pants in court complex

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