न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना को सुप्रीम कोर्ट लैंगिक संवेदनशीलता एवं आंतरिक शिकायत समिति का अध्यक्ष बनाया गया

वर्ष 2013 में गठित इस समिति का उद्देश्य लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देना तथा सर्वोच्च न्यायालय परिसर में यौन उत्पीड़न के संबंध में की गई शिकायतों का समाधान करना था।
Justice BV Nagarathna
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न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना को सर्वोच्च न्यायालय की पुनर्गठित लिंग संवेदनशीलता एवं आंतरिक शिकायत समिति का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

इस संबंध में बुधवार को एक कार्यालय आदेश जारी किया गया।

न्यायमूर्ति नागरत्ना न्यायमूर्ति हिमा कोहली का स्थान लेंगी, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुई हैं।

अन्य नए सदस्यों में न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता और सांसद बांसुरी स्वराज और अधिवक्ता साक्षी बंगा शामिल हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी और अधिवक्ता नीना गुप्ता सदस्य के रूप में अपने पदों पर बनी रहेंगी, जो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रतिनिधि हैं।

गुरुस्वामी पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा लिंग और सामाजिक न्याय तथा महिला सशक्तिकरण के मुद्दों से उनके गैर-सरकारी जुड़ाव के लिए नामित बाहरी सदस्यों की श्रेणी के तहत समिति का हिस्सा थे।

नई समिति में यह पद स्वराज ने संभाला है।

समिति के अन्य सदस्य हैं:

डॉ. सुखदा प्रीतम, अतिरिक्त रजिस्ट्रार

एडवोकेट सौम्यजीत पाणि (एससीबीए के प्रतिनिधि)

एडवोकेट अनिंदिता पुजारी (सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के प्रतिनिधि)

मधु चौहान (सुप्रीम कोर्ट बार क्लर्क एसोसिएशन के प्रतिनिधि)

वरिष्ठ एडवोकेट जयदीप गुप्ता (एससीबीए के वरिष्ठ सदस्य)

लेनी चौधरी (कार्यकारी निदेशक, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सेंटर इन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड)

[कार्यालय आदेश पढ़ें]

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Justice BV Nagarathna made Chairperson of Supreme Court Gender Sensitisation & Internal Complaints Committee

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